जाने किसलिए

हर बात, टीन ऐज़ का मसला नहीं है। यहां जो हासिल है, वही है। बाकी सब छोटी खुशियां हैं। जिनके बारे में पक्का कुछ पता नहीं होता। लोग फिर भी ख़्वाब सी ज़िन्दगी देखते हैं। 


एक ही रास्ते से गुज़रते हुए हम देखना बंद कर देते हैं कि आस पास क्या है. यही हाल असल में हम ज़िन्दगी के साथ भी करते हैं कि उसे जीते समय भूल जाते हैं कि ज़िन्दगी जी रहे हैं. 

रेलवे क्रोसिंग से पहले एक अंधा मोड़ पड़ता है। ड्राइवर देर तक विशल बजाता है। रेल की विशल के साथ परिंदे गोता लगाते हैं।

जब भी कहीं रुक जाना होता है किसी मज़बूरी में केवल तब ही सोचने लगता हूँ अपने बारे में  कि पल भर में आसमान स्याह होने लगता है। तारे टिमटिमाते हैं। जाने किसलिए। 

एक रोज़ पंख
मिट्टी में दबकर मिट गए,
आकाश नहीं टूटा
कभी किसी के लिए।
* * *

अब कहाँ वादे,
कहाँ मिलने का हौसला,
कहाँ ठोकरों पर ज़माना।

कभी कहीं पास हुए तो

तुमको झुककर चूम लेंगे।
* * *

ज़िन्दगी के सब दांव
हम खेल चुके हैं.

हम हैं, यही बड़ी बात है.
जब तक रहें शुक्रिया.
* * *

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