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Showing posts from June, 2017

चुड़ैल तू ही सहारा है

अपने जानने से परे

वजह कुछ भी हो सकती थी

भाग जाने के मौसम की याद

कोई ज़रूरी है कि सबकुछ कहूँ?

वह उसी औरत में ढल गया