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Showing posts from December, 2012

जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहां से दूर

क्रश का फिर से मुझ पर टूट पड़ना

साहेब, इंडिया ले चलो

वाह वाह गुज़रा फ़कीरां दा...

के वतन बदर हों हम तुम

आबूझ राजा राज करे...

दफ़अतन शैतान की प्रेमिका का आना

गोली मार दो, क्या रखा है?

वो एक तस्वीर थी

न आओगे मगर सुना है