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Showing posts from June, 2012

कुछ शामें भूलने लायक नहीं होती

तुझको छू लूं तो फिर ऐ जान ए तमन्ना

बारिशें, तुम्हारे लिए

तेरे भीगे बदन की खुशबू से

काश, इतना सा हो जाये

मदहोशी में, होश है कम कम