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Showing posts from November, 2010

खेत में धूप चुनती हुई लड़कियां

और अब क्या ज़माना खराब आयेगा

रास्ते सलामत रहें

भूख आदमी को छत तक चढ़ा देती है

यही मौसम क्यूँ दरपेश है ?

ओ वादा शिकन...