Posts

Showing posts from October, 2010

इन आवाज़ों को शक्ल मिलने की दुआ करता हूँ

सोये हुए दिनों के कुछ पल

दिल तो रोता रहे और आँख से आंसू ना बहें

मीनारों से उतरती ऊब का मौसम